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पथरी क्या है

पथरी क्या है? कारण, लक्षण, उपचार

February 6, 2024 by Dr. Ravi Bhadania

मूत्रमार्ग में पथरी का रोग बहुत से मरीजों में दिखाई देनेवाला एक महत्वूपर्ण किडनी का रोग हे पथरी के कारण असहनीय पीड़ा, पेशाब में संक्रमण और किडनी को नुकसान हो सकता है। इसलिए पथरी के बारे में और उसे रोकने के उपायों को जानना जरूरी है।

पथरी क्या है?

पेशाब में कैल्सियम ऑक्जलेट या अन्य क्षारकणों (Crystals) का एक दूसरे से मिल जाने से कुछ समय बाद धीरे-धीरे मूत्रमार्ग में कठोर पदार्थ बनने लगता है, जिसे पथरी के नाम से जाना जाता है। पथरी कितनी बड़ी होती है? देखने में कैसी लगती है? वह मूत्रमार्ग में कहाँ देखी जा सकती है। मूत्रमार्ग में होनेवाले पथरी अलग-अलग लंबाई और विभिन्न आकार की होती है। यह रेत कण जितनी छोटी या गेंद की तरह बड़ी भी हो सकती है। कुछ पथरी गोल या अंडाकार और बाहर से चिकनी होती है । इस प्रकार की पथरी से कम दर्द होता है और वह सरलता से प्राकृतिक रूप से पेशाब के साथ बाहर निकल जाती है। कुछ पथरी खुरदुरी होती है। जिससे बहुत ज्यादा दर्द होता है और यह सरलता से पेशाब के साथ बाहर नहीं निकलती है। पथरी मुख्यतः किडनी, मूत्रवाहिनी और मूत्राशय में देखी जाती हैं।

कुछ व्यक्तियों में पथरी विशेष रूप से क्यों देखी जाता है? पथरी होने के मुख्य कारण क्या है?

ज्यादातर लोगों के पेशाब में मौजूद कुछ खास रासायनिक पदार्थ क्षार के कणों को एक दूसरे के साथ मिलने से रोकते हैं, जिससे पथरी नहीं बनती है। परन्तु कई लोगों में निम्नलिखित कारणों से पथरी बनने की संभावना रहती है:

  • कम पानी पीने की आदत
  • वंशानुगत पथरी होने की तासीर
  • बार-बार मूत्रमार्ग में संक्रमण होना
  • मूत्रमार्ग में अवरोध होना
  • विटामिन ‘सी’ या कैल्सियम वाली दवाओं को अधिक सेवन करना
  • लम्बे समय तक शैयाग्रस्त रहना
  • हाईपर पैराथायराइडिस्म की तकलीफ होना।

पथरी के लक्षण

.सामान्यतः पथरी की बीमारी 30 से 40 साल की उम्र में और महिलाओं की तुलना में पुरूषों में तीन से चार गुना अधिक देखी जाती है।

  • कई बार पथरी का निदान अनायास ही हो जाता हे। इन मरीजों में
  • पथरी के होने का कोई लक्षण नहीं दिखता है उसे “सायलेन्ट स्टोन” कहते हैं।
  • पीठ और पेट में लगातार दर्द होता है।
  • उल्टी उबकाई आना ।
  • पेशाब में जलन होना।
  • पेशाब में खून का जाना ।
  • पेशाब में बार-बार संक्रमण का होना ।
  • अचानक पेशाब का बंद हो जाना ।

पथरी के दर्द के विशिष्ट लक्षण

  • पथरी आधारित दर्द पथरी के स्थान आकार प्रकार एवं लंबाई चौड़ाई पर आधारित होता है
  • पथरी का दर्द अचानक शुरू होता है। इस दर्द में दिन में तारे दिखने लगते हैं अर्थात दर्द बहुत ही असहनीय होता है।
  • किडनी की पथरी का दर्द कमर से शुरू होकर आगे पेडू की तरफ आता है।
  • मूत्राशय की पथरी का दर्द पेडू और पेशाब की जगह में होता है।
  • यह दर्द चलने-फिरने से अथवा उबड़-खाबड़ रास्ते पर वाहन में सफर करने पर झटके लगने से बढ़ जाता है।
  • यह दर्द साधारणतः घंटों तक रहता है। बाद में धीरे-धीरे अपने आप कम हो जाता है।
  • ज्यादातर यह दर्द बहुत अधिक होने से मरीज को डॉक्टर के पास जाना पड़ता है और दर्द कम करने के लिए दवा अथवा इंजेक्शन की जरूरत पड़ती है ।

क्या पथरी के कारण किडनी खराब हो सकती है?

  • हाँ, कई मरीजों में पथरी गोल अण्डाकार और चिकनी होती है। प्रायः ऐसी पथरी के कोई लक्षण नहीं दिखाई देते हैं। ऐसी पथरी मूत्रमार्ग में अवरोध कर सकती है। जिसके कारण किडनी में बनता पेशाब सरलता से मूत्रमार्ग में नहीं जा सकता है और इसके कारण किडनी फूल जाती है ।
  • यदि इस पथरी का समय पर उचित उपचार नहीं हो पाया हो तो लम्बे समय तक फूली हुई किडनी धीरे-धीरे कमजोर होने लगती है। और बाद में काम करना संपूर्ण रूप से बंद कर देती है। इस तरह किडनी खराब होने के बाद यदि पथरी निकाल भी दी जाए, तो फिर से किडनी के काम करने की संभावना बहुत कम रहती है।

मूत्रमार्ग की पथरी का निदान

  • पथरी का निदान मुख्यतः मूत्रमार्ग की सोनोग्राफी, सी.टी. स्केन ओर पेट के एक्सरे की मदद से किया जाता है।
  • आई. वी. पी. (Intra Venous Pyelography) की जाँच : साधारणतः यह जाँच निदान के लिए एवं ऑपरेशन अथवा दूरबीन द्वारा उपचार के पहले की जाती है।
  • इस जाँच द्वारा पथरी की लंबाई-चौड़ाई, आकार और स्थान की सही जानकारी तो मिलती ही है और साथ ही कार्यक्षमता कितनी है और किडनी कितनी फूली हुई है, यह जानकारी भी मिल जाती है।
  • पेशाब और खून की जाँच के द्वारा पेशाब के संक्रमण एवं उसकी तीव्रता और किडनी की कार्यक्षमता के संबंध में जानकारी मिलती है।

मूत्रमार्ग की पथरी का उपचार

पथरी के लिए कौन सा उपचार जरूरी है, यह पथरी की लंबाई, पथरी का स्थान, उसके कारण होनेवाली तकलीफ और खतरे को ध्यान में रखते हुए तय किया जाता है। इस उपचार को दो भागों में बाँटा जा सकता है।

(अ) दवा द्वारा उपचार (Conservative Medical Treatment)

(ब) मूत्रमार्ग से पथरी निकालने के विशिष्ट उपचार (ऑपरेशन, दूरबीन, लीयोग्राफी वगैरह

(अ) दवा द्वारा उपचार

50 प्रतिशत से ज्यादा मरीजों में पथरी का आकार छोटा होता है, जो प्रकृतिक रूप से तीन से छः सप्ताह में अपने आप पेशाब के साथ निकल जाती है। इस दौरान मरीज को दर्द से राहत के लिए और पथरी को जल्दी निकलने में सहायता के लिए दवाई दी जाती है।

  • दवा और इंजेक्शन :- पथरी से होनेवाले असह्य दर्द को कम करने के लिए तुरंत एवं दीर्घावधि तक असरकारक दर्दशामक गोली अथवा इंजेक्शन दिया जाता है।
  • ज्यादा पानी :- दर्द कम होने के बाद मरीजों को ज्यादा मात्रा में पानी नीने की सलाह दी जाती है ज्यादा प्रवाही लेने से पेशाब ज्यादा होता है और इससे पेशाब के साथ पथरी निकलने में सहायता मिलती है। यदि उलटी के कारण पानी पीना संभव नहीं हो, तो ऐसे कुछ मरीजों को नसों में बोतल द्वारा ग्लूकोज चढ़ाया जाता है।
  • पेशाब के संक्रमण का उपचार :- पथरी के कई मरीजों में पेशाब में संक्रमण दिखाई देता है, जिसका एन्टीबायोटिक्स द्वारा उपचार किया जाता है।

(ब) मूत्रमार्ग से पथरी निकालने के विशिष्ट उपचार

यदि प्रकृतिक रूप से पथरी निकल न सके, तो पथरी को निकालने के लिए कई विकल्प है। पथरी का आकार, स्थान और प्रकार को ध्यान में रखकर कौन सी पद्धति उत्तम है यह यूरोलॉजिस्ट सर्जन तय करते हैं।

क्या प्रत्येक पथरी को तुरन्त निकालना जरूरी है?

नहीं यदि पथरी से बार-बार दर्द, पेशाब में संक्रमण, पेशाब में खून, मूत्रमार्ग में अवरोध अथवा किडनी खराब न हो रही हो, तो ऐसी पथरी को तुरन्त निकालने की जरूरत नहीं होती है डॉक्टर इस पथरी का सही तरह से ध्यान करते हुए उसे कब और किस प्रकार के उपचार से निकालना लाभदायक रहेगा, इसकी सलाह देते हैं। पथरी के कारण मूत्रमार्ग में अवरोध हो पेशाब में बार-बार खून या मवाद आता हो या किडनी को नुकसान हो रहा हो, तो पथरी तुरन्त निकालना जरूरी हो जाता है।

1. लीथोट्रीप्सी (E.S.W.L. Extra Corporeal Shock Wave Lithotripsy)

किडनी और मूत्रवाहिनी के उपरी भाग में उपस्थित पथरी को निकालने की यह आधुनिक पद्धति है । इस पद्धति में खास प्रकार के लीथोट्रीप्टर मशीन की सहायता से उत्पन्न की गई शक्तिशाली तरंगें (Shock Waves) की सहायता से पथरी का रेत जैसा चूरा कर दिया जाता है, जो धीरे-धीरे कुछ दिनों में पेशाब के साथ बाहर निकल जाता है।

लाभ :

  • सामान्यतः रोगी को अस्पताल में भर्ती करने की आवश्यकता नहीं होती है।
  • .ऑपरेशन एवं दूरबीन के प्रयोग के बिना एवं मरीज को बेहोश किए बगैर पथरी निकाली जाती है।

हानि

  • सभी प्रकार की और बड़ी पथरी के लिए यह पद्धति प्रभावकारी नहीं है ।
  • पथरी दूर करने के लिए कई बार एक से ज्यादा बार यह उपचार करना पड़ता है।
  • पथरी निकलने के साथ-साथ दर्द या कई बार पेशाब में संक्रमण भी हो जाता है।
  • बड़ी पथरी के उपचार में दूरबीन की मदद से किडनी और मूत्राशय के बीच विशेष प्रकार की नली (DJ Stent) की जरूरी पड़ती है।

2. किडनी की पथरी का दूरबीन द्वारा उपचार (PCNL Per Cutaneous Nephro Lithotripsy)

  • किडनी की पथरी जब एक से. मी. से बड़ी हो, तब उसे निकालने की यह आधुनिक और असरकारक तकनीक है।
  • इस पद्धति में कमर पर किडनी के बगल में एक छोटा चीरा लगाया जाता है, जहाँ से किडनी तक का मार्ग बनाया जाता है। इस मार्ग से किडनी में जहाँ पथरी हो, वहाँ तक एक नली डाली जाती है।
  • .इस नली से पथरी देखी जा सकती है। छोटी पथरी को फोरसेप्स (चिमटी) की मदद से और बड़ी पथरी को शक्तिशाली तरंगों (Shock Waves) द्वारा चूरा करके बाहर निकाला जाता है।

लाभ :

सामान्यतः पेट चीरकर किए जानेवाले पथरी के ऑपरेशन में पीठ और पेट के भाग में 12 से 15 सें.मी. लम्बा चीरा लगाना पड़ता है परन्तु इस आधुनिक पद्धति में केवल एक सें.मी. छोटा चीरा कमर के उपर लगाया जाता है, इसलिए ऑपरेशन के बाद मरीज कुछ दिन में ही अपनी पुरानी दिनचर्या में वापस लौट सकता है।

3. मूत्राशय और मूत्रवाहिनी में उपस्थित पथरी का दूरबीन की मदद से उपचार

मूत्राशय और मूत्रवाहिनी में स्थित पथरी के उपचार की यह उत्तम पद्धति है। इस पद्धति में ऑपरेशन अथवा चीरा लगाये बिना पेशाब के मार्ग (मूत्रनलिका) से खास प्रकार की दूरबीन (Cystoscope और Ureteroscope) मदद से पथरी तक पहुँचाया जाता है और पथरी को ‘शॉकवेव प्रोब’ द्वारा छोटे-छोटे कणों में तोड़कर दूर किया जाता है।

4. ऑपरेशन

पथरी जब बड़ी हो और उसे उपरोक्त उपचारों से आसानी से निकालना संभव नहीं हो, तब उसे ऑपरेशन (शल्यक्रिया) द्वारा निकाला जाता है।

पथरी रोकथाम

एक बार जिस मरीज को पथरी हुई हो, उसे फिर से पथरी होने की संभावना प्रायः 80 प्रतिशत रहती है। इसलिए प्रत्येक मरीज को सजग रहना जरूरी है। पथरी की बीमारी में आहार नियमन का विशेष महत्व है। पुनः पथरी नहीं हो, ऐसी इच्छा रखने वाले मरीजों को हमेशा के लिए निम्नलिखित सलाहों का पूरी सावधानी से पालन करना चाहिए।

 1. अधिक मात्रा में पानी पीना

  • 3 लीटर अथवा 12 से 14 गिलास से अधिक मात्रा में पानी और तरल पदार्थ प्रतिदिन लेना चाहिये।
  • यह पथरी बनने से रोकने के लिए सबसे अधिक महत्वपूर्ण उपाय है।
  • पथरी बनने से रोकने के लिए पीने के पानी की गुणवत्ता से ज्यादा दैनिक पानी की कुल मात्रा ज्यादा महत्वपूर्ण है।
  • पथरी को बनने से रोकने के लिए कितना पानी पिया गया है इससे भी ज्यादा कितनी मात्रा में पेशाब हुआ है, यह महत्वपूर्ण है। प्रतिदिन दो लीटर से ज्यादा पेशाब हो इतना पानी जरूर पीना चाहिये ।
  • पेशाब पूरे दिन पानी जैसा साफ निकले तो इसका मतलब यह है कि पानी पर्याप्त मात्रा में लिया गया है। पीला गाढ़ा पेशाब होना यह बताता है कि पानी कम मात्रा में लिया गया है।
  • पानी के अलावा अन्य पेय पदार्थ जैसे कि नारियल का पानी, जौ का पानी, शरबत, पतला मट्ठा, बिना नकमवाला सोडा, लेमन इत्यादि का ज्यादा सेवन करना चाहिये ।
  • दिन के किसी खास समय के दौरान पेशाब कम और पीला (गाढ़ा) बनता है। इस समय पेशाब में क्षार की मात्रा ज्यादा होने से पथरी बनने की प्रक्रिया बहुत ही जल्द आरंभ हो जाती है, जिसे रोकना बहुत जरूरी है पथरी बनने से रोकने के लिए बिना भूले
  • भोजन करने के बाद तीन घंटे के दौरान,
  • ज्यादा मेहनत वाला काम करने के तुरंत बाद और
  • रात्रि सोने के पहले तथा मध्यरात्रि के बीच उठकर दो गिलास या ज्यादा पानी पीना बहुत ही महत्वपूर्ण है ।

इस प्रकार दिन के जिस समय में पथरी बनने का खतरा ज्यादा हो एस वक्त ज्यादा पानी और तरल पदार्थ पीने से पतला, साफ और ज्यादा मात्रा में पेशाब बनता है, जिससे पथरी बनने को रोका जा सकता है।

 2. आहार नियंत्रण

पथरी के प्रकार को ध्यान में रखते हुए खाने में पूरी सतर्कता एवं परहेज रखने से पथरी बनने से रोकने में मदद मिलती है।

  • खाने में नमक कम मात्रा में लेना चाहिए और नमकीन, पापड़, अचार, जैसे ज्यादा नमकवाले खाद्य पदार्थ नहीं खाने चाहिए। पथरी बनने से रोकने के लिए यह बहुत ही महत्वपूर्ण बात है। दुर्भाग्य से अधिकांश मरीज इस बारे में अनजान होते हैं।
  • नींबूपानी, नारियल पानी, मौसंबी का रस, अन्नानास का रस, गाजर, करेला, बिना बीज के टमाटर, केला, जौ, जई, बादाम इत्यादि का सेवन पथरी बनने से रोकने में मदद करते हैं इसलिए इन्हें अधिक मात्रा में लेने की सलाह दी जाती है।
  • पथरी के मरीजों को दुग्ध उत्पादन जैसे उच्च कैल्सियम युक्त खाद्य पदार्थ खाना नहीं चाहिए यह धारणा गलत है। खाने में पर्याप्त मात्रा में लिया गया कैल्सियम खाद्य पदार्थ के ऑक्जलेट के साथ जुड़ जाता है और इससे पथरी बनने से रोकने में मदद मिलती है।
  • विटामिन ‘सी’ ज्यादा मात्रा (4 ग्राम या उससे ज्यादा) में नहीं लेना चाहिए।

 ऑक्जलेट वाली पथरी के लिए परहेज

नीचे बताए गए ज्यादा ऑक्जलेट वाले खाद्य पदार्थ कम लेने चाहिए

  • साग-सब्जी में टमाटर, भिण्डी, बैंगन, सहजन, ककड़ी, पालक, चौलाई इत्यादि
  • फलों में चीकू ऑवला, अंगूर, स्ट्रॉबेरी, रसभरी शरीफा और काजू ।
  • पेय में कड़क उबली हुई चाय, अंगूर का जूस, केडबरी, कोको, चोकलेट, थम्सअप, पेप्सी, कोका कोला ।

 यूरिक एसिड पथरी के लिए परहेज

निम्नलिखित खाद्य पदार्थ जिससे यूरिक एसिड बढ़ सकता है, कम लेना चाहिए।

  • स्वीट ब्रेड, होन वीट ब्रेड,
  • दालें, मटर, सेम् मसूर की दाल
  • सब्जी फूलगोभी, बैंगन, पालक, मशरूम
  • फलः चिकू, सीताफल, कडू कद्दू
  • मांसाहार : मांस, मूर्गा, मछली, अंडा
  • बीयर, शराब

3. दवा द्वारा उपचार

  • जिस मरीज के पेशाब में कैल्सियम की मात्रा ज्यादा होती है, ऐसे मरीजों की थॉयजाइड्स और साइट्रेट वाली दवाई दी जाती है।
  • .यूरिक एसिड की पथरी के लिए एलोप्यूरानॉल (Allopurinol) और पेशाब को क्षारीय (Alkaline) बनाने वाली दवाओं के सेवन की सलाह दी जाती है।

 4. नियमित परीक्षण

पथरी स्वतः निकल जाने अथवा उपचार से निकाले जाने के बाद पुनः होने की आशंका अधिकांश मरीजों में रहती है और कई मरीजों में पथरी होने पर भी पथरी के लक्षणों का अभाव होता है। इसलिए कोई भी तकलीफ नहीं होने पर भी डॉक्टर की सलाह अनुसार या प्रत्येक साल सोनोग्राफी परीक्षण कराना जरूरी है। सोनोग्राफी परीक्षण से पथरी नहीं होने का प्रमाण अथवा पथरी का प्रारंभिक अवस्था में निदान हो सकता है ।

मूत्रमार्ग में पथरी के मरीज को डॉक्टर का संपर्क तुरंत कब करना चाहिए?

मूत्रमार्ग में पथरी के मरीज को डॉक्टर से तुरंत संपर्क करना चाहिए यदि –

  • दर्द बहुत ही असहनीय हो और दवा अथवा इंजेक्शन का कोई असर न होना।
  • यदि उलटी उबकाई के कारण पानी और दवा पीना संभव नहीं हो।
  • तेज बुखार, कंपकपी पेशाब में जलन होना और पेट में दर्द हो ।
  • पेशाब में खून आना ।
  • अचानक पेशाब का बंद हो जाना ।

इस तरह के विषयों के बारे में अधिक जानने के लिए हमसे संपर्क करें: Alfa Kidney Care

Tags: पथरी के उपचारपथरी के कारणपथरी के लक्षणपथरी क्या है
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